Thursday, 18 July 2013




अमृत वचन - Amrit Vachan

"यह देश, धर्म, दर्शन और प्रेम की जन्मभूमि है। ये सब चीजें अभी भी भारत में विद्यमान है। मुझे इस दुनिया की जो जानकारी है, उसके बल पर दृढ़ता पूर्वक कह सकता हूँ कि इन बातों में भारत अन्य देशों की अपेक्षा अब भी श्रेष्ठ है।"- स्वामी विवेकानंद 


"दूसरों से सहायता की आशा करना या भीख माँगना किसी दुर्बलता का चिन्ह है। इसलिये बंधुओं निर्भयाता के साथ यह घोषणा करो की हिंदुस्तान हिंदुओं का ही है। अपने मन की दुर्बलता को बिल्कुल दूर भगा दो।"- डा. हेडगेवार 

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